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Sunday, April 27, 2014

तुम्हारे नाम का

देह मेरी , हल्दी तुम्हारे नाम की ।

हथेली मेरी , मेहंदी तुम्हारे नाम की ।

सिर मेरा , चुनरी तुम्हारे नाम की ।

मांग मेरी , सिन्दूर तुम्हारे नाम का ।

माथा मेरा , बिंदिया तुम्हारे नाम की ।

नाक मेरी , नथनी तुम्हारे नाम की ।

गला मेरा , मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का ।

कलाई मेरी , चूड़ियाँ तुम्हारे नाम की ।

पाँव मेरे , महावर तुम्हारे नाम की ।

उंगलियाँ मेरी , बिछुए तुम्हारे नाम के ।

बड़ों की चरण-वंदना मै करूँ , और 'सदा-सुहागन' का आशीष तुम्हारे नाम का ।

और तो और - करवाचौथ/बड़मावस के व्रत भी तुम्हारे नाम के ।

यहाँ तक कि कोख मेरी/ खून मेरा/ दूध मेरा, और बच्चा ?
बच्चा तुम्हारे नाम का ।

घर के दरवाज़े पर लगी 'नेम-प्लेट' तुम्हारे नाम की ।

और तो और - मेरे अपने नाम के सम्मुख लिखा गोत्र भी मेरा नहीं, तुम्हारे नाम का ।

सब कुछ तो तुम्हारे नाम का...

नम्रता से पूछती हूँ .... आखिर तुम्हारे पास...क्या है मेरे नाम का?

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